9 Durga Images with Names-
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विशेष महत्व रखती है। देवी के हर रूप का अपना महत्व और विशेषता है। ये नौ देवियाँ क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं। हर देवी के पीछे एक पौराणिक कथा और एक विशेष गुण छिपा है जो उनके भक्तों को अलग-अलग आशीर्वाद देती हैं। इन नौ दिनों में साधक और भक्त अपनी आस्था और समर्पण से इन रूपों की उपासना करते हैं, जिससे उन्हें ज्ञान, शक्ति, धैर्य, और सुख की प्राप्ति होती है।
- शैलपुत्री: मां दुर्गा का पहला रूप शैलपुत्री है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं। शैलपुत्री को पर्वतों की देवी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें सती का अवतार माना गया है। वह प्रकृति की शक्ति की प्रतीक हैं और उनके इस रूप में भक्त उन्हें भक्ति, शक्ति और साहस का प्रतीक मानते हैं। शैलपुत्री का वाहन वृषभ (बैल) है और वह अपने हाथों में त्रिशूल और कमल धारण करती हैं। उनकी पूजा से मनुष्य को दृढ़ता, संतुलन और साहस मिलता है।
- ब्रह्मचारिणी: नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।ब्रह्मचारिणी तपस्या और संयम की देवी हैं। उनका नाम “ब्रह्म” का अर्थ है तपस्या और ज्ञान, और “चारिणी” का अर्थ है आचरण करने वाली। यह रूप देवी पार्वती का है, जब उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जपमाला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। उनकी पूजा से भक्तों को तप, संयम, साधना और आत्मानुशासन की शक्ति प्राप्त होती है। यह रूप हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी संयम और धैर्य से काम लेना चाहिए।
- चंद्रघंटा: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। उनका नाम उनके माथे पर स्थित अर्धचंद्र से पड़ा है, जो घंटा के आकार का दिखता है। चंद्रघंटा युद्ध की देवी हैं, जो शत्रुओं का विनाश करती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। वह सिंह पर सवार होती हैं और उनके दस हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं। उनकी पूजा से भयमुक्ति, साहस और शांति प्राप्त होती है। भक्त इस दिन अपनी सभी नकारात्मकताओं से मुक्त होकर सशक्त और आत्मविश्वासी बनने की प्रेरणा लेते हैं।
- कूष्मांडा: देवी कूष्मांडा सृजन शक्ति की देवी मानी जाती हैं। उनका नाम संस्कृत शब्द “कूष्मांडा” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “कुम्हड़े के आकार का संसार”। यह देवी सृष्टि की रचना करती हैं और उन्हें सृजनकर्ता कहा जाता है। उन्होंने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी, इसलिए उन्हें “आदिशक्ति” के रूप में भी पूजा जाता है। उनके आठ हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जपमाला होते हैं। उनकी पूजा से सकारात्मकता, सुख-समृद्धि और दीर्घायु प्राप्त होती है।
- स्कंदमाता: नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। वह भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और अपने गोद में उन्हें लेकर बैठी होती हैं। स्कंदमाता को वात्सल्य और मां की ममता का प्रतीक माना जाता है। वह अपने भक्तों को माता के समान प्रेम और सुरक्षा प्रदान करती हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को सुख, संतान सुख, और शांति प्राप्त होती है। वह शेर पर सवार होती हैं और अपने चार हाथों में कमल और भगवान स्कंद को धारण करती हैं। उनकी पूजा से माता के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- कात्यायनी: देवी कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाती हैं। ऋषि कात्यायन ने देवी को अपनी तपस्या से प्रसन्न कर उनसे वरदान मांगा कि वह उनके घर में पुत्री रूप में जन्म लें। देवी ने उनकी इच्छा पूरी की और उन्हें कात्यायनी कहा गया। कात्यायनी को शक्ति और साहस की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनका वाहन सिंह है और उनके चार हाथ होते हैं जिनमें वे अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं। उनकी पूजा से रोग, शत्रु और पापों का नाश होता है और भक्तों को साहस और विजय की प्राप्ति होती है।
- कालरात्रि: नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है। यह दुर्गा का सबसे उग्र और भयानक रूप है। उनके इस रूप में वे राक्षसों और दुष्ट शक्तियों का नाश करती हैं। कालरात्रि का रंग काला है और उनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र होते हैं। उनके वाहन गधा है और वे अत्यंत डरावनी दिखती हैं, लेकिन वे हमेशा अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। उनकी पूजा से भय का नाश होता है और व्यक्ति को साहस और आत्मबल मिलता है। कालरात्रि की कृपा से व्यक्ति जीवन के सभी भयों से मुक्त हो जाता है।
- महागौरी: महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन पूजी जाती हैं। उनका वर्ण अत्यंत गोरा है और वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं। महागौरी शुद्धता, शांति और सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं। उनकी पूजा से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को शुद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। उनके चार हाथ होते हैं जिनमें वे त्रिशूल, डमरू और वरमुद्रा धारण करती हैं। महागौरी की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
- सिद्धिदात्री: नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं, इसलिए इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को अष्ट सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, जिनसे वह सभी सांसारिक और आध्यात्मिक सफलताएँ प्राप्त कर सकता है। सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है और उनके चार हाथों में कमल, चक्र, गदा और शंख होते हैं। उनकी पूजा से भक्त को ज्ञान, विद्या और सिद्धि की प्राप्ति होती है, और वह सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन में उन्नति करता है।
इन नौ रूपों की पूजा से व्यक्ति को जीवन में शक्ति, साहस, शांति, समृद्धि और सभी प्रकार की सफलताएँ प्राप्त होती हैं। नवरात्रि का महत्व केवल शक्ति की उपासना ही नहीं, बल्कि आत्मशक्ति और साधना के माध्यम से अपने अंदर के दिव्य गुणों को जागृत करना भी है। देवी दुर्गा के ये नौ रूप भक्तों को जीवन की चुनौतियों से निपटने और अंततः विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देते हैं।
How to download 9 Durga Images with Names for free ?
हमारी वेबसाइट Hindiwishes.com पर सभी Images निःशुल्क उपलब्ध हैं। आप इन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आसानी से साझा कर सकते हैं। उपरोक्त Images को डाउनलोड करना बहुत आसान है।
- Step 1- अपनी पसंद की Image पर नेविगेट करें।
- Step 2 – अपनी पसंद की Image पर राइट क्लिक करें।
- Step 3 – खुले मेनू में Share Now विकल्प का चयन करें।
- Step 4 – व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ई-मेल आदि पर एक क्लिक में साझा करें या अपने फोन में छवि सहेजने के लिए डाउनलोड इमेज विकल्प चुनें।
Also Check-
- Looking for Happy Navratri Images for wishes in HD – Click Here
- Looking for Happy Diwali Images for wishes in HD – Click Here
- Looking for Shubh Somwar Images for wishes in HD – Click Here
- Looking for Shubh Mangalwar Images for wishes in HD – Click Here
- Looking for Shubh Budhwar Images for wishes in HD – Click Here
- Looking for Shubh Guruwar Images for wishes in HD – Click Here
- Happy Guru Purnima Images designed for you- Click here
- Top 10 WhatsApp Status in Hindi – Click Here